मुझपे रुकना है
या आगे बढ़ना
यह अख्तियार
तो तुम्हारा है
लेकिन जाते-जाते 
यह तो बताते जाओ
की यह फैसला
बदल तो न दोगे
नहीं तो इन्तेजार
करूँ यहीं
वरना रुसवा होगे
मेरे जाने के बाद।
-----राजेश अस्थाना"अनंत"


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