राजेश अस्थाना ब्लॉग
मुझपे रुकना है या आगे बढ़ना यह अख्तियार तो तुम्हारा है लेकिन जाते-जाते यह तो बताते जाओ की यह फैसला बदल तो न दोगे नहीं तो इन्तेजार करूँ यहीं वरना रुसवा होगे मेरे जाने के बाद। -----राजेश अस्थाना"अनंत"
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