मीडिया का दायित्व

मीडिया का दायित्व क्या है? भूख, गरीबी, महंगाई, बीमारी, अशिक्षा, असुरक्षा...?  की समस्या को उजागर करना  या मीडिया का दायित्व हैं- नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल का प्रचार करना । पिछले दो महीने की पत्र-पत्रिकाओं और टीवी चैनलों का विश्लेषण कर लीजिए! । लेकिन  मीडिया क्यों उठाए इन मुद्दों को, जब हमारे जनप्रतिनिधियों और सरकारों को ही इनसे मतलब नहीं है! शिक्षा को ही ले लीजिए। सरकारी विद्यालयों की क्या स्थिति है? दोपहर के भोजन के सहारे, मुफ्त किताब-कॉपी के सहारे शिक्षा को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है! दोपहर केभोजन के कारण जब-तब मर्मांतक घटनाएं घटती हैं। क्यों नहीं सरकारी विद्यालयों की दशा-दिशा सुधारी जाती है? किसी भी राजनीतिक दल के एजेंडे में, घोषणा-पत्र में क्रांतिकारी सुधार की घोषणा है? अगर आपके पास पैसा नहीं है तो आपका बच्चा अच्छी शिक्षा नहीं पा सकता! ऐसा जान-बूझ कर किया गया है! कॉन्वेंट स्कूल, शिक्षा के बाजारीकरण को फैलाने, बढ़ावा देने में सरकारों का, नीतियों का बहुत बड़ा योगदान है। अगर आपके पास पैसा नहीं है तो पर्याप्त इलाज नहीं मिल सकता। सरकारी अस्पताल बदहाली के शिकार हैं। भ्रष्टाचार के रोग के कारण तमाम सारी दवाइयां बेच दी जाती हैं। मीडिया का काम है ये जो नेतागण घूम-घूम कर वोट मांग रहे हैं, राजनीतिक दल उन्हें उन अंधेरों को दिखाएं। बिजली, पानी, सड़क से अछूते इलाकों को दिखाएं। विकास वह नहीं जो मॉल, बाजार और अट्टालिकाओं में दिखता है। विकास वह होता है, जो लोगों के जीवन-स्तर में नजर आए। ऐसा विकास आबादी के एक छोटे से हिस्से में ही नजर आता है। देश की अधिकतर आबादी तो विकास से वंचित ही है।